2. पाही कास्त- यह वे किसान होते थे जो दूसरे गांव जाकर खेती का कार्य किया करते थे।
3. मुजारियन - इसके अंतर्गत वे कृषक आते थे जो खुदकाश्त कृषकको से भूमि किराए पर लेकर कृषि कार्य किया करते थे।
कृषि संबंधित लगान
गल्ला बख्शी - इस लगान के अंतर्गत सरकार के द्वारा फसल का कुछ भाग ले लिया जाता था।
नसक - इस लगान व्यवस्था के अंतर्गत खड़ी फसल के आधार पर लगान का अनुमान लगाकर फसल कटने के बाद उसे लिया जाता था।
जब्ती - इस लगान व्यवस्था के अंतर्गत भूल गई फसल के आधार पर लगान का निश्चय कर उसे नगद लिया जाता था।
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