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मुगल शासन काल में भूमि के लिए प्रयोग किए जाने वाले 9 प्रमुख शब्द

खालसा भूमि - यह भूमि प्रत्यक्ष रूप से बादशाह के नियंत्रण में रहती थी। 
जागीर भूमि - यह भूमि तनख्वाह के बदले दी जाती थी। 
 सयूर गल या मदद ए माश - अनुदान में दी गई लगानी भूमि को सयूर गल कहा जाता था, इसे मिल्क भी कहा जाता था। 
 करोड़ी - मुगल शासन काल में आया। यह अधिकारी  अपने क्षेत्र  से एक करोड़ दाम वसूल कर शासन को देता था , इसकी नियुक्ति अकबर के समय में की गई थी। 
दहसाला - अकबर ने भूमि व्यवस्था के अंतर्गत एक नवीन कर प्रणाली आरंभ की जिसे दहसाला कहा जाता था इस व्यवस्था को टोडरमल बंदोबस्त भी कहा जाता है इस व्यवस्था के अंतर्गत भूमि को चार भागों में विभाजित किया गया
1.पोलज- यह उपजाऊ भूमि हुआ करती थी जिसमें नियमित रूप से खेती होती थी, अर्थात उस दौरान वर्ष में दो बार इसमें         फसल उगाई जाती थी
2.परती- यह ऐसी भूमि हुआ करती थी जिसमें 1 या 2 वर्ष के अंतर पर खेती की जाती थी। 
3.चाचर- यह खेती योग्य भूमि हुआ करती थी जिसमें तीन से चार वर्ष के अंतराल पर ही फसल उगाई जाती थी। 
4.बंजर - यह ऐसी भूमि हुआ करती थी जिसमें फसल नहीं उगाई जा सकती थी इस पर लगान नहीं वसूला जाता था। 

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