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नूरजहाँ/ मेहरून्निसा कौन थी? जाने नूरजहां के जीवन के बारे में कुछ रोचक तथ्य ।

नूरजहां ईरान के निवासी मिर्जा गायक देव की पुत्री थी इनका वास्तविक नाम मेहरून्निसा था  मेहरून्निसा की मां का नाम असमत बेगम था इन्होंने गुलाब से इत्र निकालने की विधि खोजी थी। इनका  विवाह अली कुली बैग से सन 1994 में हुआ अली कुली बेग को शेर अफगान की उपाधि शाहजहां के द्वारा प्रदान की गई थी यह उपाधि शेर को मारने के कारण प्राप्त हुई थी। इनकी पुत्री का नाम लाडली बेगम था। पति शेर अफगान  की मृत्यु के बाद मेहरून्निसा अकबर की विधवा सलीम बेगम की सेवा में नियुक्त हुई। नवरोज त्योहार के अवसर पर मेहरून्निसा की मुलाकात जहांगीर से हुई इसी दौरान जहांगीर मेहरून्निसा के सौंदर्य पर मुग्ध हो गए और उन्होंने 1611 में मेहरून्निसा के साथ विवाह कर लिया। विवाह के पश्चात मेहरून्निसा को शाहजहां ने नूरमहल एवं नूरजहां की उपाधि प्रदान की,  जहांगीर ने इनके पिता गयास वेग को साही दीवान बनाकर एत्माद्दौला की उपाधि प्रदान की विवाह के पश्चात जहांगीर के शासनकाल में इरानियों को उच्च पद प्रदान किए गए।  नूरजहां के सम्मान में जहांगीर ने चांदी के सिक्के भी जारी करवाए। नूरजहां ने एत्माद्दौला एवं जहांगीर के मकबरा का निर्माण करवाया। जहांगीर की मृत्यु के बाद सिंहासन पर शाहजहां बैठा इसने नूरजहां को ₹200000 प्रति वर्ष की पेंशन देकर लाहौर जाने दिया जहाँ 1645 ईस्वी में उसकी मृत्यु हो गई।

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