दूसरा जिसमे सूर्य के चारों तरफ का भाग 1 रिंग ऑफ फायर के रूप में दिखता रहता है जिसे आनसिक सूर्य ग्रहण कहते हैं । तीसरा इसमें चंद्रमा सूर्य को का आधा भाग ही ढकता है जो कि पृथ्वी के कुछ हिस्सों से दिखाई पड़ता है इसे अर्ध सूर्य ग्रहण कहते हैं ।यह सूर्य ग्रहण अमावस्या को होते हैं ।
प्रत्येक अमावस्या सूर्य ग्रहण क्यों नहीं होते?
- सूर्य ग्रहण - चंद्रमा ,पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है जिससे सूर्य ग्रहण होता है और यह बात बिल्कुल सही है लेकिन जब चंद्रमा पृथ्वी के चक्कर लगाती है और पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है तो ऐसा कई बार होता है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है लेकिन उस समय सूर्य ग्रहण देखने को नहीं मिलता है इसके पीछे का जो मुख्य कारण है वह यह है कि सूर्य गैलेक्सी में चक्कर लगाता है पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है और चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाती है पृथ्वी सूर्य का चक्कर जिस अक्ष पर लगाती है, चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर उस अक्ष से लगभग 5 डिग्री के अंतर पर लगाता है जोकि एक निश्चित स्थिति में ही चंद्रमा को सूर्य और पृथ्वी के बीच लाता है इस दिशा में सिर्फ दो ही पॉइंट होते हैं जिनमें चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच पूरी तरह आता है।
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