रूस यूक्रेन युद्ध लगातार भीषण होता जा रहा है इसका असर पूरी दुनिया में देखा जा रहा है जहां शेयर मार्केट में भारी गिरावट देखी गई है वही कच्चे तेल की कीमतों में भी रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी हुई है। यह युद्ध केवल 2 देशों के बीच हो रहा है किंतु इसका असर पूरी दुनिया में सभी के जीवन पर पड़ रहा है। दुनिया भर में गेहूं एवं जौ का एक तिहाई हिस्सा रूस एवं यूक्रेन द्वारा ही निर्यात किया जाता है यूक्रेन मक्के एवं सूर्यमुखी के तेल का सबसे बड़ा उत्पादक एवं निर्यातक देश है। इन बिंदुओं पर नजर डालते हैं कि किस प्रकार भारत समेत विभिन्न देशों में किस प्रकार विभिन्न क्षेत्रों में कीमतें बढ़ सकती हैं।
1. कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी।
2. खाद्य तेल की कीमतों में भी उछाल।
3. गैस की कीमतें बढ़ सकती हैं।
4. खाद्यान्न की कीमतों में भी आ सकती है तेजी।
5. इलेक्ट्रॉनिक सामान हो सकता है महंगा।
6. खाद की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।
जहां एक ओर रूस पर कड़े प्रतिबंधों के चलते दुनिया भर में उसके साथ व्यापार करना मुश्किल हो गया है वहीं दूसरी ओर यूक्रेन भी अब अपने सामानों का निर्यात करने में असमर्थ हैं। दुनिया भर की चिप इंडस्ट्री सेमीकंडक्टर बनाने के लिए उपयोग में आने वाले नियॉन और पैलडियम के लिए काफी हद तक रूस एवं यूक्रेन पर ही निर्भर है अतः उनकी आपूर्ति के कारण इलेक्ट्रॉनिक सामान महंगा हो सकता। वही मेटल्स की बात करें तो रूस के पास दुनिया का लगभग 10 फ़ीसदी कॉपर का भंडार है साथ ही एल्यूमीनियम एवं निकल काफी बड़ा निर्यातक देश है अतः मेटल एवं गाड़ियां भी महंगी हो सकती हैं।
हालांकि इन सभी के बीच भारत गेहूं का निर्यात कर अच्छा मुनाफा कमा सकता है।
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