जोधपुर के शासक मोटा राजा उदयसिंह की पुत्री जगत गोसाई के गर्भ से 5 जनवरी 1592 ईस्वी को खुर्रम का जन्म लाहौर में हुआ था।
खुर्रम जहांगीर का पांचवा पुत्र था अहमदनगर के वजीर मलिक अंबर के विरुद्ध सफलता से खुश होकर जहांगीर ने खुर्रम को शाहजहां की उपाधि प्रदान की थी । जहांगीर की मृत्यु के बाद सिंहासन शाहजहां ने संभाला 1612 ईसवी में खुर्रम का विवाह आसफ खां की पुत्री आरजू बानो बेगम से हुआ इसे शाहजहां ने मलिका ए जमाने की उपाधि प्रदान की 7 जून 1631 ई. में प्रसव के कारण उसकी मृत्यु हो गई। 4 फरवरी 1628 को आगरा में शहाबुद्दीन मुहम्मद साहिब किरन ए सानी की उपाधि प्राप्त कर बैठा। आसिफ खां को वजीर एवं महावत ख़ां को खानखाना की उपाधि प्रदान की। शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में ताजमहल का निर्माण आगरा में उसकी कब्र के ऊपर करवाया। ताजमहल की रूपरेखा उस्ताद ईसा ने की थी। शाहजहां के शासनकाल को स्थापत्य कला स्वर्ण युग कहा जाता है। शाहजहां द्वारा बनाई गई प्रमुख इमारते हैं- दिल्ली का लाल किला, दीवाने आम, दीवाने खास, दिल्ली जामा मस्जिद, आगरा मोती मस्जिद, ताजमहल।
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