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कोरोना कविता (corona poem).

नमस्कार दोस्तों मैं अमित कुमार यादव रक्षाबंधन के पावन पर्व के उपलक्ष में आप सभी के लिए एक कविता लेकर  आया हूं। मैंने इस कविता में कोरोना वॉरियर्स भाई बहनों के  जज्बातों को उजागर करने की कोशिश की है आशा करता हूं आप सभी को यह कविता पसंद  आएगी। 


महामारी से जंग है बाकी
 कैसे बहना बांधे भाई को राखी
अभी महामारी से जंग है बाकी
 कोई पहना सफेद कोट है
 कोई पहना है वर्दी खाकी 
कोई सरहद पर ताने है छाती 
कैसे बहना बांधे भाई को राखी 
अभी महामारी से जंग है बाकी
 बहना तू उदास ना होना 
एक दिन हम  यह जंग जीत जाएंगे
 फिर मिलकर सारे त्यौहार मनाएंगे
 मैं मान जाऊंगा तू बांध देना
 मुझे मन ही मन राखी
 अभी महामारी से जंग है बाकी
बहना कैसे बांधे भाई को राखी । 

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